रूडकी: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आयोजित पन्द्रह वें वार्षिक उत्तराखंड स्टेट ओफ्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी कांफ्रेंस उत्तरा-आईकॉन 2018 में रूड़की के डॉक्टर राहुल शर्मा (एम.एस., डी.एन.बी.) को डॉ. सतांशु माथुर बेस्ट वीडियो पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उनका विषय डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज के लिए की जाने वाली सर्जरी की विभिन्न विधियां (वेरियस सर्जिकल मेथड्स टू ऑपरेट एंड ट्रीट डायबिटिक रेटिनोपैथी) था।
डॉ. राहुल ने बताया कि आँखों के परदे (रेटिना) के रोग और स्थिति के अनुसार सर्जरी की विभिन्न विधियां, जैसे डिलैमिनेशन (विटरेक्टॉमी कटर), फोरसेप्स के इस्तेमाल द्वारा डिलैमिनेशन, डिलैमिनेशन (25 जी पिक), बाईमैन्युअल डिसेक्शन, डायाथर्मी आदि का प्रयोग किया जाता है।
डॉक्टर राहुल शर्मा विट्रो रेटिना स्पेशलिस्ट ने बताया कि लोगों को भी इस बात की जानकारी अधिक नहीं है कि रेटिना सम्बन्धी रोगों की पहचान कैसे की जाये और विशेषज्ञ को कब दिखाया जाए ताकि समय रहते समस्या का पूर्ण रूप से इलाज हो सके।
अधिकतर मामलों में मरीज बहुत देर कर देते हैं और ऐसी स्थिति में इलाज इतना असरदार नहीं रह पाता जितना वह तब होता जब समस्या की शुरुआत ही हुई थी। इनमे से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
नजर का अचानक कमजोर या धुंधला हो जाना या पढ़ते हुए अक्षर, तिरछे, कम या बड़े नजर आना या कम या मद्धम रौशनी में न देख पाना या आँखों के आगे बिजली सी चमकना कौंधनाय मधुमेह (डायबिटीज) रोग होना या नजर का आंशिक रूप से कम होना (जैसे आँखों पर कोई पर्दा सा या छाया सी पड़ी हो। डॉक्टर राहुल शर्मा रूड़की में अभिलाषा आई हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करते हैं । ')}