उत्तराखंड की कैबिनेट न सोमवार को हुई बैठक में नई आबकारी नीति को पास कर दिया। सबसे फैसले में कैबिनेट ने धर्म स्वतंत्रता विधेयक को मंजूरी दे दी है, धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए सरकार ने अब कानून शख्त कर दिये हैं, आपराधिक श्रेणी में आएगा यदि कोई छल से धर्म परिवर्तित करेगा, 1 से 5 साल की सजा का रखा गया प्रावधान, अगर साजिशन लव जिहाद के तहत शादी हुई तो उसे माना जायेगा शून्य, धर्म बदलने के इछुक एक माह पूर्व डीएम को एफिडेविट देंगे।
इसके साथ ही प्रदेश में शराब की दुकानों का आवंटन अभी तक लाटरी से होता था। नई आबकारी नीति में इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। शराब के ठेकों के लिए ई-नीलामी को अनिवार्य कर दिया गया है।
इसके अलावा पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के ढांचे को और ब्रिडकुल के स्थाई कर्मियों को 7वें वेतनमान का दिया लाभ दिया जाएगा। प्रदेश में चकबंदी की 168-A धारा में भी संसोधन किया गया है अब 2005 से पहले के जमीन संबंधी मुकदमे वालों को दी छूट दी गयी है, उन्हें स्टांप शुल्क देकर जमीन अधिकार मिल जायगा।
प्रदेश में होम स्टे योजना लागू की गयी है, 5 हजार होम स्टे सरकार विकसित करेगी, इसमें 3 साल तक संचालक को जीएसटी नहीं देना होगा, होम स्टे के लिए लैंड यूज बदलने की बाध्यता नहीं होगी, होम स्टे निर्माण के लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा। इसके अलावा निजी स्कूलों के लिए डीबीटी लागू होगी , अब आरटीई का पैसा बच्चों के अकाउंट में सीधे आएगा।
इसके अतिरिक्त राज्य में गाय-भैसों की नस्ल को बेहतर करने के मकसद से गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशु प्रजनन अधिनियम-18 के मसौदे को भी मंजूरी दी गई। इसके साथ ही गैरसैंण सत्र में अभिभाषण और बजट के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। ')}