उत्तराखंड में प्रतिभाओें की कमी नहीं है। इसी का उदाहरण देते हुए राज्य की एक बेटी ने सेना में अधिकारी बनकर अपना दम दिखाया है। पौड़ी, उतराखण्ड के पाली पट्टी लंगूर गांव निवासी बेटी मालविका चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में 49 सप्ताह के कड़े प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना का हिस्सा बन गई।
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भेल हरिद्वार के प्रमुख कमांडेंट टीएस रावत की पुत्री मालविका रावत ने भारतीय सेना में अधिकारी बन कर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। ओटीए चेन्नई में भव्य पासिंग आउट परेड में मालविका रावत के साथ 213 पुरुष और 40 महिला कैडेट्स पास आउट हुए।
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मालविका रावत ने टेक्निकल एंट्री से चयनित होकर आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में ज्वाइन किया। मालविका ने केंद्रीय विद्यालय चंबा-2 (हिमाचल प्रदेश) से 10वीं और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय देहरादून से बीटेक किया।
इसके बाद उन्होंने 2017 में सेना की टेक्निकफेंट्री एवं भारतीय वायु सेना की परीक्षा दी। मालविका अपने पहले ही प्रयास में दोनों विभागों में सर्विस सलेक्शन बोर्ड की ओर से चयनित हो गई। मालविका ने बताया कि उनके दादा जी विजय सिंह रावत भी भारतीय सेना में अधिकारी थे।
इसलिए उन्होंने भारतीय वायु सेना की जगह भारतीय थल सेना को चुना। मालविका रावत के पिता टीएस रावत व माता मंजू रावत मालविका के पासिंग आउट परेड में शामिल हुए और पुत्री को बैज लगाकर गौरवपूर्ण पलों के साक्षी बने। भेल हरिद्वार हीप इकाई के महाप्रबंधक संजय गुलाटी ने पूरे भेल परिवार की ओर से मालविका रावत को शुभकामनाएं दी हैं। ')}